शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2022

कन्या दान के नहीं कन्या महान के समर्थक

बेटी फेको मत बेटी अपनाओ

मत फेको बेटी को बेटी तेरे घर को आबाद करने आई है मां
दुनिया की चक्का चौंध से भ्रमित होकर न सोचो की बेटी तुम्हे बर्बाद करने आई ह मां
इतिहास खोल और देख क्या कभी अपने आंगन की गरिमा किसी बेटी ने मिटाई है मां
मत फेको बेटी को बेटी तेरे घर को आबाद करने आई है मां
अपने बेटों की बरबादी के किस्सों को क्यों बेटी के सर लगती है मां
तुमने मिटाकर बेटी को बेटों की करतूतें छुपाई है मां 
बलात्कार किया बेटों ने हर बार बेटी का क्या कभी बेटी किसी के बेटे के बलात्कार की गुनहगार पाई है मां
बलात्कारी बेटों को दी पनाह तुमने बेगुनाह बेटी को बार बार ठुकराई है मां
बेटी पलती रही मिट्टी की गोद में तेरे आंचल की छाव बेटों ने पाई है मां
मत फेको बेटी को बेटी तेरे घर को आबाद करने आई है मां
बेटों ने दुदकारा है अपने माबाप को दौलत की खातिर ,
दौलत की खातिर बेटी ने कब आंख दिखाई है मां
मत समझ बेटी को बोझ एक न एक दिन चली जायेगी पराया घर बसाने 
बेटी धूप नहीं परछाई ह मां
मत फेको बेटी को बेटी तेरे घर को आबाद करने आई है मां
                                     रामरतन सुड्डा 🖊️




सोमवार, 7 फ़रवरी 2022

Tariph ke hakdar h modi ji तारीफ के हकदार है मोदीजी

 तारीफ के हकदार है मोदी इनके सर तारीफों के ताज पहना दो

हमे चाहिए बस मोदी मोदी भूख गरीबी बेरोजगारी सब कुछ भुला दो

तारीफ के हकदार है मोदी जी इनके सर तारीफों के ताज पहना दो

बिक रही है सरकारी संपतिया साहेब के राज में हमने कुछ नहीं देखा महंगाई कॉरोना के की आड़ छुपा दो 

जोरों से हर हर मोदी घर घर मोदी की जय जय कार लेगा दो

तारीफ के हकदार है मोदी इनके सर तारीफों के ताज पहना दो

शिक्षा गई रोजगार गया बुखे पेट किलकार उठा दो सब दुख दूर होंगे तुम्हारे आसमान भी थर थर कांप उठे जय श्री राम के नारे लगा दो

तारीफ के हकदार है मोदी इनके सर तारीफों के ताज पहना दो

विकाश की कोई बात न हो ऐसा अभियान चलादो 

फिरभी कोई पूछे तो पाकिस्तान जिमेवार बतलादो

फिर भी कोई ना भटके तो हिंदू मुसलमान करदो

तारीफ के हकदार है मोदी इनके सर तारीफों के ताज पहना दो।          

रविवार, 6 फ़रवरी 2022

Chunavi mudde

जाती वाद मिटाती है सरकारें बस चुनावी दोरो में

कोई फर्क नहीं रहा देश में नेता अफसर चोरों में

सता हथ्याली जाती ह यहां मजहबी आग के सोलो में

चोर भी नेता बनते हैं अंध भागती के टोलो में

जाती वाद मिटाती है सरकारें बस चुनावी दोरो में

साहिदों की क्रुबानियों का लगा मोल बाजारों में

लासो पर सेकी रोटियां बेशर्म सरकारों ने

जाती वाद मिटाती है सरकारें बस चुनावी दोरो में

पाकिस्तान का मुद्दा पुराना मुद्दा नया बनाना है

खुद खाकी को भ्ष्ठ बना जुटे सुरक्षा अभियान में

अनपढ़ ढोंगी नेता बने कमियां निकाले संविधान में

जाती वाद मिटाती है सरकारें बस चुनावी दोरो में

कोई फर्क नहीं रहा देश में नेता अफसर चोरों में

जनता ने कोई कसर न छोड़ी बार बार लाते खाने में

देश हित की खातिर जनता जान की बाजी लगाती रहती है

एक थाली के चट्टे बटो को बदल कर सत्ता डोर थमाने में

कोई फर्क नहीं रहा देश में नेता अफसर चोरों में

              लेखक :–रामरतन सुड्डा





Love shayeri bewafa shayeri dard bhri shayeri lavitaye kahaniya motivsnal or samajik stori

Kisi ka jhukne n dena sis lachari me

किसी का झुकने न देना सीस लाचारी में बेमानी का सीस उठने न देना खून है तुम्हारी नसों में ईमान का  इसे बेमानो से मिटने न देना  बाहें तुम्हारी भ...