जाती वाद मिटाती है सरकारें बस चुनावी दोरो में
कोई फर्क नहीं रहा देश में नेता अफसर चोरों में
सता हथ्याली जाती ह यहां मजहबी आग के सोलो में
चोर भी नेता बनते हैं अंध भागती के टोलो में
जाती वाद मिटाती है सरकारें बस चुनावी दोरो में
साहिदों की क्रुबानियों का लगा मोल बाजारों में
लासो पर सेकी रोटियां बेशर्म सरकारों ने
जाती वाद मिटाती है सरकारें बस चुनावी दोरो में
पाकिस्तान का मुद्दा पुराना मुद्दा नया बनाना है
खुद खाकी को भ्ष्ठ बना जुटे सुरक्षा अभियान में
अनपढ़ ढोंगी नेता बने कमियां निकाले संविधान में
जाती वाद मिटाती है सरकारें बस चुनावी दोरो में
कोई फर्क नहीं रहा देश में नेता अफसर चोरों में
जनता ने कोई कसर न छोड़ी बार बार लाते खाने में
देश हित की खातिर जनता जान की बाजी लगाती रहती है
एक थाली के चट्टे बटो को बदल कर सत्ता डोर थमाने में
कोई फर्क नहीं रहा देश में नेता अफसर चोरों में
लेखक :–रामरतन सुड्डा
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