जुल्मी बनो जुल्मी मिटाने को, याफिर कातिल बनो कातिल मिटाने को या फिर हुंकार भरो सोई सरकार जगाने को
पुलिस प्रशासन तो सोया है और सरकारें नहीं चाहती है जुल्मी और जुल्म मिटाने को
एक दूजे की आवाज बनो जुल्म और अत्याचार मिटाने को
या फिर रहो त्यार सब बारी बारी जुल्मी के हाथों खुदको बली चढ़ाने को
जुल्मी बनो जुल्मी मिटाने को, याफिर कातिल बनो कातिल मिटाने को फिर हुंकार भरो सोई सरकार जगाने को
आज हुआ है कत्ल गैर कोई कल को तुम ना होजाओ
बनो ताकत एक दूजे की पीड़ित को इंसाफ दिलाने को
इन्सान है हम अब जाति धर्म की तोड़ो दीवारें फर्ज ए इन्सान निभाने को रहो त्यार सब मर मिटने को जुल्मों जात मिटाने को
जुल्मी बनो जुल्मी मिटाने को, याफिर कातिल बनो कातिल मिटाने को
जुल्मी की जाती जुल्म होती है होता है धर्म ए जुल्म बढ़ाने का
फिर तुम गर्व कैसे करते हो हत्यारों को सेर सुरमा अपनी जाति का बतलाने को
जुल्मी बनो जुल्मी मिटाने को, याफिर कातिल बनो कातिल मिटाने को फिर हुंकार भरो सोई सरकार जगाने को
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