गुरुवार, 4 नवंबर 2021

पिता के आंसू pita ke ansu

 जब दो बेटे अलग अलग होते है तो पिता की अरदास

में भी ,खुशी,खुसी,से जी लेता अपनी  जिंदगी अगर हरदम तुम दोनो का रहना साथ साथ होता था
बीच भंवर में फश सा गया हु में, ना इस पार जा सकता और ना ही उसपार जा सकता था
बड़ी खुशी से इस भवर को चीर देता अगर तुम दोनो का एक दूजे में विश्वास होता
में भी ,खुशी,खुसी,से जी लेता अपनी  जिंदगी अगर हरदम तुम दोनो का रहना साथ साथ होता था
कितना खिला खिला सा लगता था तब वो आंगन जब पूरा परिवार साथ साथ होता था
आज दीवार खड़ी करदी तुमने एक ही आंगन में ,बस एक छोटी सी बात पर ,याद करो वो बचपना जब एक दूजे केबिना रह नही पाते थे मेरा भी तुम्हारे बिना रह पाना सजा ए मौत सा होता था,
लाख लड़ते झगड़ते रहते थे तुम मगर सामको खाना पीना साथ साथ होता था
में भी ,खुशी,खुसी, जी लेता  जिंदगी अगर हरदम तुम्हारा मेरा  साथ होता
आज दौलत और शोहरत के नसे में भुला दिया तुमने सब कुछ जब चोट लगती एक को और दर्द का एहसास दोनो को साथ साथ होता था
में भी ,खुशी,खुसी,से जी लेता अपनी  जिंदगी अगर हरदम तुम दोनो का रहना साथ साथ होता था

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