शुक्रवार, 22 जुलाई 2022

Love shayeri bewafa shayeri



Kuch din or intzar kro


 कुछ दिन और इंतजार करो मेरा ,में जरूर आऊंगा तुम्हारी नगरी तुम्हारे गांव में , मुझे बहुत याद आते है वो लम्हे जो हम साथ साथ गुजारा करते थे बैठे बैठे नीम की छांव में

में चाह कर भी नहीं रोक सकता खुदको न जाने कैसा नासा है तेरे गांव की उन हवाओं में 

कुछ दिन और इंतजार करो मेरा ,में जरूर आऊंगा तुम्हारी नगरी तुम्हारे गांव में



Bahut yad aate ho tum

बहुत याद आते हो तुम, तुम्हारी यादों के समंदर को चंद पन्हो में उतर पाना बड़ा मुस्कील है 

तुम बात बात पर कह देते हो भुला दिया हमको ,अरे पागल दिल में रहने वालों को भुला देना इतना आसान नहीं होता ,हमारा दिल तो तुम्हारी यादों का समंदर है और समंदर को सुखा पाना बड़ा मुस्किल है, उसीतरहा तुम्हारी यादों को मिटा पाना बड़ा मुस्कील है





Meri jindgi ke pnne

मेरी जिंदगी के हर पन्ने में कुद्रत ने शायद दर्द ही दर्द लिखा होगा 

लिखी होगी मेरी मौत की दास्तान भी दर्द भरी 

और मेरे अस्याने में भी घुटन लिखी होगी, यो तो चमन रहता अस्याना मेरा भी

तभी तो मेरी किस्मत में बेवफा सनम लिखी होगी





Hamse dill na lagana

हम से दिल ना लगाना ओ मुसाफिर हम बड़े बद किस्मत लोग हैं

हमे तो किस्मत ने इस कदर मारा है 

हम जिंदा तो है धरती पर मगर हमारी दर्द भरी दास्तान कुछ है ही ऐसी सुनोगे तो तुम भी यहीं कहोगे की तुम्हारे लिए यहां जीवन लोक नहीं बल्कि यहीं मृत्युलोक है

हम से दिल ना लगाना ओ मुसाफिर हम बड़े बद किस्मत लोग हैं




Kisi pe bhrosa na karna

किसी पे भरोसा न करना ए मेरे दोस्त आजकल सफेद चहरो के पीछे काले चहरे छिपे होते हैं

तुम समझ ते हो कमर के पीछे वाले हाथ में फूल छिपाते होंगे आजकल फूल नहीं खंजर छिपाते है लोग




Bedag jingi ke hajaro dag

में बेदाग था फिर भी नजाने क्यों मेरी जिंदगी के पन्नो में हजारों दाग लिखे इस जमाने ने 

में कुद्र्त का मारा उभर न सका फिर भी कोई कसर न छोड़ी इस जमाने ने मुझे सताने में


मेरी पीठ ना तको ए दुनिया वालो बेसख मुझे कतल कर दो

तुमने ही चोट पहुंचाई है मेरे नाजुक दिल को मुझे सब मालूम है

ये दिल के घाव है जो मरहम से भरे नहीं जाते, न बनो मेरे हमदर्द तुम ही चोट पहुंचाने वाले अरे तुम ही मुझे मरहम न दो

मेरी पीठ ना तको ए दुनिया वालो बेसख मुझे कतल कर दो




गुरुवार, 21 जुलाई 2022

Ek hakikat



                   एक हकीकत 


 कुछ हकीकत आंखो में छपी है कुछ जख्म सीने में चुभ ते चले जारहे है

खोज रहा हु में पल सुकून के समय ईमेंतहान पे ईमेतहान लिए जा रहा है

चाहत तो है मेरी, दर्द की दास्तान खुद दर्द लिखे, हालातों के बयान खुद हालत लिखे,

दस्तूर है जो दुनिया का एक आस लिए कदम से कदम जमाने से मिलाए जारहा हू

गीत नहीं कोई बिना साज के में बखूबी जानता हूं ,जमाना चाहता है में गाऊ सुनना चाहता हूं जमाने से में उसके गीत समय की नजाकत में चुपी में चूपी साधे जा रहा हूं

यो हरदम मोन रहना अच्छी बात नहीं ह दुनिया पागल समझने लगजाती है में अच्छे से जानता हूं 

इस पागल पन में कुछ पल सुकून की सांसे छिपी है मेरी तलाश है में उन्हें खोजू  बस इसी आश में मेरी धड़कने बसी है

सेक लेते है लोग लासो की जलती चिंगारियो पे रोटी कल को आबाद करने के लिए, मुझे फिकर है आज की तभी तो मेरी तो खिचड़ी भी एक छोटी सी दिए की बत्ती पे पके जारही है

कुछ हकीकत आंखो में छपी है कुछ जख्म सीने में चुभ ते चले जारहे है


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Kisi ka jhukne n dena sis lachari me

किसी का झुकने न देना सीस लाचारी में बेमानी का सीस उठने न देना खून है तुम्हारी नसों में ईमान का  इसे बेमानो से मिटने न देना  बाहें तुम्हारी भ...