एक हकीकत
कुछ हकीकत आंखो में छपी है कुछ जख्म सीने में चुभ ते चले जारहे है
खोज रहा हु में पल सुकून के समय ईमेंतहान पे ईमेतहान लिए जा रहा है
चाहत तो है मेरी, दर्द की दास्तान खुद दर्द लिखे, हालातों के बयान खुद हालत लिखे,
दस्तूर है जो दुनिया का एक आस लिए कदम से कदम जमाने से मिलाए जारहा हू
गीत नहीं कोई बिना साज के में बखूबी जानता हूं ,जमाना चाहता है में गाऊ सुनना चाहता हूं जमाने से में उसके गीत समय की नजाकत में चुपी में चूपी साधे जा रहा हूं
यो हरदम मोन रहना अच्छी बात नहीं ह दुनिया पागल समझने लगजाती है में अच्छे से जानता हूं
इस पागल पन में कुछ पल सुकून की सांसे छिपी है मेरी तलाश है में उन्हें खोजू बस इसी आश में मेरी धड़कने बसी है
सेक लेते है लोग लासो की जलती चिंगारियो पे रोटी कल को आबाद करने के लिए, मुझे फिकर है आज की तभी तो मेरी तो खिचड़ी भी एक छोटी सी दिए की बत्ती पे पके जारही है
कुछ हकीकत आंखो में छपी है कुछ जख्म सीने में चुभ ते चले जारहे है
Nice
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