नेता अफसर और मंत्री भारत में डेरा चोरों का खुद बाड़ खेत को खाए तो क्या करे भरोसा गैरो का
धन दौलत सब लूट पाट कर काम सफाई देने का ओछी सोच और बोल बड़े भारत में डेरा चोरों का
माइक थमा दो हाथो में फिर सुनो विकाश इन चोरों का
हजारों योजनाएं तुम्हे गिनाय विकाश देश में जीरो का
सूट बूट और गाड़ी बंगला रोल रखेंगे हीरो का
मीठी बोली बात खोखली, है हुनर जो इनको जुमलो का
कला धन लायेंगे कहकर भारत का कॉस उजाड़ दिया लाखों बेब्स मजबूरों को मौत के घाट उतार दिया
यारे प्यारे मित्रो का करोड़ो कर्जा माफ किया बेब्स और लाचारो से रोटी पानी और दवाई
जिंदा रहने की एवज में लाखो लाख का टैक्स वसूल किया,
सदियों तक ना भूलेंगे साहेब तुमको, तुम गुनहगार हो असंख्य नरसंघरो का
असंख्य जाने ली है तुमने तुम गुनहगार हो बेब्स और लचारो का
तुम्हे कातिल शब्द से नवाजें साहेब या फिर कहदे सरदार जुल्मी और गुनहगारों का
याफिर तुमको कहे बादशाह मोत के सौदा गारो का
नेता अफसर और मंत्री भारत में डेरा चोरों का खुद बाड़ खेत को खाए तो क्या करे भरोसा गैरो का
खुद अपने ही रहे लूट वत्न को, फिर क्या कोसना गैरो का
शेरों का वात्न था देश ये भारत और रहे वत्न ये शेरों का आवाज उठाओ करो खात्मा भारत भूमि से चारो का
नेता अफसर और मंत्री भारत में डेरा चोरों का खुद बाड़ खेत को खाए तो क्या करे भरोसा गैरो का
लेखक:–रामरतन सुड्डा
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