सोमवार, 17 फ़रवरी 2020

गरीबी प्राक्रतिक या अ प्राक्रतिक मेरे शब्दों मे


दोस्तों क्या ग़रीबी प्राकृतिक या हम ख़ुद अज्ञानता वंस या जान बूझकर निमंत्रण दे कर ग़रीब होजाते ह मेरे ख़्याल से ग़रीबी प्राक्रतिक ओर अप्राक्रतिक दोनों तरह की होती है यानी नादानी या यूॉ कहें कुछ ऐसे वैसे क्रत्यो को अंजाम देकर ग़रीब हो जाना अप्राकृतिक गरीब होना होता है दोस्तों आप और हम हर रोज़ या एक दो दीन या महीने में ऐसी कोई सूचना टीवी अख़बार या सोसल साईटों के माध्यम से पड़ते और देखते ओर सुनते है
ऐसी ख़बरें जिसमें होता है एक ग़रीब आदमी अमीर होगया ओर एक अमीर आदमी ग़रीब होगया या अपनी आम भाषा में  अक्सर एसा सुनने को मिलता है की यार वोतो अमीर आदमी था अब ग़रीब होगया उसने जूऐ में सबलुटा दीया या कीसी ग़ैर क़ानूनी क्रत्य करने से धन लूटादीया यह सब काम निमंत्रण देकर ग़रीबी बुलाने जैसा ही है
मेरे ख़्याल से तो प्राक्रतिक ग़रीब वह व्यक्ति ह जो जन्मजात गूलाम यानी जिसके पूर्वज उसके जन्म से पहले ही दास गूलाम या बन्दवा मज़दूरी जैसे पेसे में अपना जीवनवेतित करते आरहे हैं या कोई ऐसा व्यक्ति जो जन्म से पागल हो अपाहिज हे ऐसे व्यक्ति प्राक्रतिक ग़रीब की स्रेणि में आते है
कुछेक अपने हुनर तेज दिमाग ओर अपार संघ्रषो से ग़रीबी को पीछे छोड देते ह या यूंकहें ग़रीबी को मातदेकर अमीर होजाते ऐसे लोगोको मैं प्रक्रति को हराने वालों कि स्रेणि में रखता हुँ
हमारे आसपास ऐसे व्यक्ति भी नज़र आजातेह जिनकेपास अपारधन व सम्पति विधमान होति ह ओर उस धनको एकत्रित करने मे उनका कोई योगदान भी नहीं होता ऐसे लोगों को ईस अपार सम्पत्ति का घमण्ड  होता ह घमण्ड सायद इसलिय होता ह क्योंकि ऐसे लोग कभी संव्य के अन्दर झाँककर नहीं देखते ओर ईसधन को जुटाने में इनकी कोई मेहनत नहीं होति सायद ईसी बजह से ज़्यादातर लोग बिना मेहनत से मीलें उसधन को ज़्यादा समयतक ना तो सुरक्षित रख पाते ह ओर नाहीं सही इस्तेमाल करपाते है ओर आख़ीर में अप्राक्रतिक ग़रीब होजाते ह
मेरे ख़्याल से मेहनत ओर ईमानदारी से कमाया हुआ धन ही ज़्यादा समय तक टीकपाता है अन्यथा नहीं प्राक्रतिक ग़रीबी को लग्न ओर मेहनत से मिटाया जा सकता है ऐसी ग़रीबी जो निच क्रमों असामाजिक क्रत्यों द्वारा अपनाई या यूं कहे न्योता देकर बुलाई हुई ग़रीबी यानि अप्राक्रतिक ग़रीबी को नहीं
दोस्तो यह मेरा पहला लेख है कैसा लगा आपको बताइएगा ज़रूर  अगर आपको मेरा लेख पसंद आए तो जल्द ही दूसरा लेख आपके लिय अप्लोड करदुंगा  धन्यवाद 🙏
                                                  लेखक रामरतन सूडा
                                                 


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