आज के इस दौर में बलात्कार महिला उत्पीड़न जैसे मामले दिन प्रति दिन बढ़ते जारहे है बलात्कार जैसी घटनाएं देश और दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है समाज के बहुत से लोग ऐसे मामलों में सरकार और सिस्टम को कोसने में कोई कसर नहीं छोड़ते ओर वहीं समाज के कुछ असामाजिक तत्व बिना कुछ भय के असामाजिक कृत्य करने में जरा भी नहीं हिचकिचाते हं ओर वो ऐसे कृत्य को अंजाम दे देते हैं जो संपूर्ण मानव जाति को शर्मसार करदेता है आज एक ओर मनुष्य जाती का एक बहुत बड़ा वर्ग इन घिनौने कृत्यों के खिलाफ आवाज उठा रहा है, और वहीं दूसरी ओर समाज के ही कुछ घिनौने लोग ऐसे मामलों को दबाने और मुजरिमों को बचाने की कोशिश में भी कोई कसर नहीं छोड़ ते सायद मुजरिमों को सजा दिलवाने ओर अत्याचार के खिलाफ लड़ने वालो से ,मुजरिमों को बचाने वाले लोग आर्थिक ओर राजनैतिक रूप से ज्यादा बलवान है सायद इसी वजहसे ही समाज में अत्याचार रुकने का नाम ही नहीं लेरहे ओर मुजरिम बिना किसी भय के जुर्म करते रहते हैं ऐसे में सवाल यह है बलात्कार अत्याचार जैसे मामलों से निपटा कैसे जा सकता है ऐसे मामलों को खत्म केसे जा सकता है सबसे पहले हमें किसी समस्या से निपटने के लिए उस समस्या के कारणों के बारे मे पूरी जानकारी का होना जरूरी है हम किसी भी समस्या को उसके कारणों की जानकारी के अभाव में खत्म नहीं कर सकते उस समस्या से निजात नहीं पा सकते हैं
सबसे पहले हमें ये जानना जरूरी है कि बलात्कार जैसी घटनाएं आखिर होती क्यों है, क्या बलात्कार सिर्फ महिलाओं का होता है या फिर होता है पुरुषों का भी, मेरे ख्याल से बलात्कार महिला ओर पुरुष दोनों का हीं होता है। महिला बलात्कार उजागर होजाता हैं और पुरुषों का उजागर होने की बजाए सामाजिक लिहाज से पुरुष दबाना ज्यादा महफूज समझते हैं या अपने आप दब जाता है
बलात्कार को आप कहा तक समझ ते है क्या आप महिलाओं के साथ जब्रजस्ती करने अस्लिलता जैसे घिनौने कृत्य करने मात्र को बलात्कार समझते हैं तो आपका ये सोचना मेरे ख्याल से गलत है किसी भी मानव जाति को उसकी इच्छा के खिलाफ जब्रजस्ती से अमान्य प्रकार जैसे डरा धमाका कर या किसी मंद बुद्धि इंसान या नाबालिक को बहला फुसलाकर आर्थिक या किसी अन्य प्रकार का लोभ लालच देकर कोई भी काम करवाना मेरा जहां तक मानना है वों भी किसी बलात्कार से कम नहीं हैं और ऐसे मामलों के महिला तो सीकर होती ही है और कुछ हद तक पुरुष भी सिकार होते हैं
ऐसे मामलों मै महिलाओं के साथ साथ पुरुष भी सीकर होते हैं ऐसे में महिलाओं पे हुए अत्याचार को महिला बलात्कार ओर मेरे ख्याल से पुरुषों पर हुए अत्याचार को पुरुष बलात्कार कहने में कोई संका नहीं होनी चाहिए
अगर समाज से बलात्कार जैसी घिनौनी करतूतों को कोई देश वाकई मिटाना चाहता है तो समाज के प्रत्येक व्यक्ति को पीड़ित पक्ष के साथ खड़ा होना चाहिए ओर दरिंदगी करने वाले इन्सान को कठोर से कठोर सजा दिलवाने का प्रयास करना चाहिए लेकिन पीड़ित पक्ष के साथ तभी खड़ा होना चाहिए जिसमें आपको सच्चाई नजर आती हो या जो भी परिवार किसी दरिंदे कि दरिंदगी का या किसी अन्य अपराधिक गतिविधि का सीकर हुआ हो उसकी पूरी जानकारी आपको हो ओर आपको पाता हो मामला कहा तक सही है ऐसा नहीं हो कोई भी निर्दोष व्यक्ति किसी भी जाल सांजी का सीकर होजाए ओर समाज उसे नीच समझने लगे या उसे अपमानित करे
अगर समाज से नीच हरकत अत्याचार ,,,मिटाना है तो समाज के लोगों को में नीच हरकत करने वालो का समाज से बायकॉट करना चाहिए ओर साथ में जुर्म करने वाले लोगों का साथ देने वाले या यू कहा जाए मुजरिमों को बचाने का प्रयास करने वाले लोगों का भी समाज से बायकॉट करना चाहिए
बलात्कार जैसी घटनाओं में कुछ मामले प्रेम प्रसंग से भी जुड़े होते हैं कई मामलों में दो प्यार करने वाले प्रेमी जोड़े में आपसी मन मुटाव के चलते या फिर किसी अन्य लोभ लालच की नीयत से आपस में नफ़रत होजाने से महिला पक्ष द्वारा बलात्कार जैसा आरोप लगादिया जाता है ऐसे में कसूर महिला ओर पुरुष दोनों का ही होता है ओर सजा पुरुष को भुगतनी पड़ती हैं लेकिन ऐसे मामले बहुत कम ही देखने को मिलते हैं आज के दौर की देखें तो कुछ हद तक ऐसा होना संभविक है
ऐसे मामले जो पहले प्रेम प्रसंग ओर बाद में बलात्कार जैसे घिनौने अपराध में तब्दील करदिए जाते हैं ऐसे मामलों से निपटने के लिए सरकार को कोई एसी वेबसाइट या ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च करना चाहिए जिसमें किसी भी प्रेमी जोड़े के बयान ओर बायो डाटा रखा जा सके जिसमें कोई ऐसा वीडियो किलप जिसमें दोनों की सहमति जैसा कुछ रिकॉर्ड किया हुआ हो
वाट्सएप फेसबुक अकाउंट लिंक किया जा सकता हो ताकि प्रेम प्रसंग जैसे मामलों को कोई बलात्कार जैसे जघन्य अपराध में तब्दील ना करसके
ये पोर्टल ऐसा होना चाहिए जिसकी जानकारी गोपन्य रखी कसकती हो ओर एकबार बायो डाटा डालने केबाद बायो डेटा डालने वाले के पास बायो डेटा डिलीट करने केलिए कुछ ही घंटो समय हो उसकेबाद डिलीट नहीं किया जा सकता हो
ओर सरकार पुलिस आदि भी उस वेब पर किसी व्यक्ति के बायो डेटा को तभी देख सकती हो जब उस व्यक्ति का कोई केस उनके पास आया हो ऐसा करने से प्रशासन जब चाहे तब हर अपराधी की कोई भी आइडी को उस वेब में जरूरी हो डालकर किसी भी केस को समझने में आसानी कर सकती है
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