बुधवार, 30 दिसंबर 2020

Talas तलाश

 बहुत कुछ दिया इस जिंदगी ने, नजाने फिर भी क्यों तलाश अभी बाकी है

बहुत कुछ खोया लेकिन जो पाया इस जिंदगी में वोभी जिंदा रहने के लिए काफी है

बहुत कुछ दिया इस जिंदगी ने, नजाने फिर भी क्यों तलाश अभी बाकी है

बहुत हैं अरमान तो इस दिल में कुछ  पूरे भी हुए लेकिन  कुछ अरमान अभी भी बाकी हैं

समझ ना सका जमाना मुझे लेकिन मैने जमाने को समझा मेरे मुकाम के लिए इतना भी काफी है

फिर भी सुन ओ रामरतन सुड्डा तेरा तो मुकाम ही 

अभी बाकी है

बहुत कुछ दिया इस जिंदगी ने, नजाने फिर भी क्यों तलाश अभी बाकी है

जिंदगी ने हिम्मत दी है तुझे तू संघर्ष कर तेरा संघर्ष अभी बाकी है

तुम्हे जाना है जिस मंजिल पर उसका सफर अभी बाकी है 

बहुत कुछ दिया इस जिंदगी ने, नजाने फिर भी क्यों तलाश अभी बाकी है



 

सोमवार, 28 दिसंबर 2020

नीयत niyet

 लाख कोशिश करो किसी गिरे हुए इंसान को उठाने की तुम नहीं उठा पावो गे, जबतक उसकी खुद नीयत नहीं होगी उठ जाने की

चाहे लाख निंदा करो इस जमाने की यहां आदत सी होगई है दुनिया को बार बार लाते खाने की

अंधे तो बिन आंखो के होते हैं यहां तो कमी ही नहीं दोदो आंखो आंखो वाले अंधो के भी होने की

लाख कोशिश करो किसी गिरे हुए इंसान को उठाने की तुम नहीं उठा पावो गे, जबतक उसकी खुद नीयत नहीं होगी उठ जाने की

बहुत गिरे इंसान इस जमाने में नीयत वाले फिर उठे फिर गिरे आखिर सफल होही गए उठजाने में 

कुछ फिर भी नहीं उठ पाए जिन को कमी ना रही समाजसमाज के सहयोग पाने में

लाख कोशिश करो किसी गिरे हुए इंसानइंसान को उठाने की तुम नहीं उठा पावो गे, जबतक उसकी खुद नीयत नहीं होगी उठ जाने की

गुरुवार, 24 दिसंबर 2020

Aaj ka bhart


ये आज का भारत है साहेब 

यहां पियोरीटी की नहीं कंपनी कंपनी के नाम की कीमत होती है

खरदी जाति है यहां महंगे भाव में कंपनी से पैक सुंदर कटो की अनाज महंगे दामों में किसान के खेत में तो वहीं अनाज कोड़ी

के भाव होता है

ये आज का भारत है साहेब 

यहां बिकता है किसान के खेत में आलू 5 रुपए किलो

वहीं आलू कंपनी के गोडावण में 50 रुपए किलो होता है

अन फल सब्जी पैदा करने वाला सोता है यहां झोपड़ियों

में कुर्सी पर बैठ ऑर्डर देने वाला मिल मालिक महलो में होता है

ये आज का भारत है साहेब 

यहां पियोरीटी की नहीं कंपनी के नाम की कीमत होती है

यहां बिक जाति है सुंदर थैली में पैक दाले 500 रुपए किलो के भाव वहीं किसान के खेत में मूंग चना 20 रुपए में भी महंगा होता है

खरीदी नहीं जाती किसान कि सरसो कोड़ी में वहीं मिल में त्यार तेल 10,15 हजार के भाव होता है 

ये आज का भारत है साहेब 

यहां पियोरीटी की नहीं कंपनी के नाम की कीमत होती है

लेते समय काट लेता है सुनार भी नगीनों का वजन देते समय वहीं नगीना भी सोने के भाव होता है

ये आज का भारत है साहेब  

यहां पियोरीटी की नहीं कंपनी के नाम की कीमत होती है 

खरदी जाति है यहां महंगे भाव में कंपनी से पैक सुंदर कटो की अनाज महंगे दामों में किसान के खेत में तो वहीं अनाज कोड़ी कोड़ी के भाव होता 

ये आज का भारत है साहेब

यहां बिकता है किसान के खेत में आलू 5 रुपए किलो

वहीं आलू कंपनी के गोडावण में 50 रुपए किलो होता 

अन फल सब्जी पैदा करने वाला सोता है यहां झोपड़ियों

में कुर्सी पर बैठ ऑर्डर देने वाला मिल मालिक महलो में होता 

ये आज का भारत है साहेब

यहां पियोरीटी की नहीं कंपनी के नाम की कीमत होती है

यहां बिक जाति है सुंदर थैली में पैक दाले 500 रुपए किलो के भाव वहीं किसान के खेत में मूंग चना 20 रुपए में भी महंगा होता 

खड़ी नहीं जाती किसान कि सरसो कोड़ी में वहीं मिल में त्यार तेल 10,15 हजार के मोल होता है

ये आज का भारत है साहेब

यहां पियोरीटी की नहीं कंपनी के नाम की कीमत होती है

लेते समय काट लेता है सुनार भी नगीनों का वजन 

देते समय वहीं नगीना भी सोने के भाव होता 

ये आज का भारत है साहेब

यहां पियोरीटी की नहीं कंपनी के नाम की कीमत कीमत होती है है  है हैहै है

बुधवार, 23 दिसंबर 2020

Baris ka mosam

 आज फिर सावन आया है

आज फिर सावन आया है

भीगी भीगी पलकों पर आसा की किरणे लिया है

खेतों में रौनक गलियों में कीचड़ ही कीचड़ छाया है

आज फिर सावन आया है

भीगी भीगी पलकों पर आसा की किरणे लिया है

खेतों में रौनक गलियों में कीचड़ ही कीचड़ छाया है

आज फिर सावन आया है

बच्चो की उछल कूद के संग फूलों को महकाया है

खेतों में हरियाली के संग मन को फूलों की खुशबू की महक लाया है 

आज फिर सावन आया है

किसान ने थामे हल ओर जुए ओर बीजों को संवारा है

नीले गगन में आज फिर काले बदल घन घोर घटाओ

का साया है

आज फिर सावन आया है

बारिश की बूंदों के संग ठंडी हवाएं लाया है

कभी मूसलाधार पानी तो कभी फुआरी को बसाया है

आज फिर सावन आया है

सुनाई देने लगी खेतों में पखियो की च चाहटे कॉयेलो ने मधुर सुर गाया है

फूल खिलने लगी कालिया बगो मेंगुनगुनाया ने गुन गुनगुनाया हैं 

आज फिर सावन आया है




आज फिर सावन आया है

बच्चो की उछल कूद के संग फूलों को महकाया है

खेतों में हरियाली के संग मन को फूलों की खुशबू की महक लाया है 

आज फिर सावन आया है

किसान ने थामे हल ओर जुए ओर बीजों को संवारा है

नीले गगन में आज फिर काले बदल घन घोर घटाओ

का साया है

आज फिर सावन आया है

बारिश की बूंदों के संग ठंडी हवाएं लाया है

कभी मूसलाधार पानी तो कभी फुआरी को बसाया है

आज फिर सावन आया है

सुनाई देने लगी खेतों में पखियो की च  चाहटे कॉयेलो ने मधुर  सुर गाया है

फूल खिलने लगी कालिया बगो में भंवरो ने गुन गुनगुनाया हैं 

आज फिर सावन आया है



शनिवार, 19 दिसंबर 2020

Kisan andolan

 किसान आंदोलन सफल हो ये हर किसान का नारा है

किसान आंदोलन सफल हो ये हर किसान का नारा है

हक़ अपने हम लेके रहेंगे, कहादो इन जुमले बाजो से ये भारत देश हमरा है

किसान आंदोलन सफल हो ये हर किसान का नारा है

हमने सिंचा इस धरती को हमने हल चलाए है अपने मासूम बच्चो कभी ठिठुर ती ठंड में तो कभी किलकती

धूप में अपने मासूमों कों जलाया है

खून का पानी करके हमने ये अनाज उग्या है सींच के अपने पसीने से हमने ये फसल पकाई है 

केसे देदे रदि में यही हमारी रोजी है ओर यही हमारी कमाई है 

किसान आंदोलन सफल हो ये हर किसान का नारा है

हक़ अपने हम लेके रहेंगे, कहादो इन जुमले बाजो से ये भारत देश हमरा है

गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

Kisan ki mehanat

मेहनत किसान कि

खेतों में है मेहनत करता रर लोगो खून किसान का 

देश की खातिर खून बहता पूत किसान का

खेतों में है मेहनत करता रर लोगो खून किसान का 

देश की खातिर खून बहता पूत किसान का

कई सेना में बलिदान होरहे पूत किसान के

सबसे बढ़ कर है रे लोगो हुनर किसान किसान का

देस की खातिर हर बार बाहा है खून किसान का

खुद का पेट हो खाली चाहे पर ओरो का पेट भरने देखो

रेर लोगो जुनून किसान का

आज माटी के मै मिलता दिख अरमान किसान का

क्यों रो रो के न फांसी खारे रेे लोगो पूत किसान के

आज माटी के मै मिलता दिख खून किसान का

रदी के भा मै बिकता रे लोगो अनाज किसान का

खेतों में है मेहनत करता खून किसान का 

उद्योग पति तो खेल रे लोगो खेल करोडो में

पूंजी पतियो निभाकर देखो एक दिन रोल किसान का

पता चले तुम्हे भी माहौल किसान का

क्यों सरकारों ने भी खोस लिए हक अधिकार किसान का

आज बर्बाद होगया लोगो र रोजगार किसान का

खेतों में है मेहनत करता रर लोगो खून किसान का 



कई सेना में बलिदान होरहे पूत किसान के

सबसे बढ़ कर है रे लोगो हुनर किसान किसान का

देस की खातिर हर बार बाहा है खून किसान का

खुद का पेट हो खाली चाहे पर ओरो का पेट भरने देखो

रेर लोगो जुनून किसान का

आज माटी के मै मिलता दिख अरमान किसान का

क्यों रो रो के न फांसी खारे रेे लोगो पूत किसान के

आज माटी के मै मिलता दिख खून किसान का

रदी के भा मै बिकता रे लोगो अनाज किसान का

खेतों में है मेहनत करता खून किसान का 

उद्योग पति तो खेल रे लोगो खेल करोडो में

पूंजी पतियो निभाकर देखो एक दिन रोल किसान का

पता चले तुम्हे भी माहौल किसान का

क्यों सरकारों ने भी खोस लिए हक अधिकार किसान का

आज बर्बाद होगया लोगो र रोजगार किसान का

खेतों में है मेहनत करता रर लोगो खून किसान का 


मंगलवार, 15 दिसंबर 2020

Kisan

कदर किसान की

 हे किसानकिसान तुहि धरती का रखवाला है

तूने ही संवारा है धरती को 

ओर तुहि सभी का पेट भरने वाला है

ना जाने क्यों ना समझे ये जमाना 

हे किसान तूने ही ईश्वर का रूप सवारा है

भूखे पेट चलाए है हल तूने ओर खून पसीने 

से अन का बनाया हर एक निवाला है

हे किसान किसान तुहि धरती का रखवाला है

कोई नहीं है तेरा तू है अकेला फिर भी तू ना हरा है

कभी ओलो की बोछरो से तो कभी सूखे की मरो से

तू गया हरबार मरा है

गरमी की लेप्टो में ओर सर्दी की रवानी में भी तूने 

धरती मां को संवारा है

भूखा ना रहे कोई धरती मां की गोद में बस इसी आस से तूने हल ओर जुआ चलया है हर मुश्किल हालातों में भी तू खड़ा खेतमे पाया है 

हे किसान किसान तुहि धरती का रखवाला है

Love shayeri bewafa shayeri dard bhri shayeri lavitaye kahaniya motivsnal or samajik stori

Kisi ka jhukne n dena sis lachari me

किसी का झुकने न देना सीस लाचारी में बेमानी का सीस उठने न देना खून है तुम्हारी नसों में ईमान का  इसे बेमानो से मिटने न देना  बाहें तुम्हारी भ...