मंगलवार, 15 दिसंबर 2020

Kisan

कदर किसान की

 हे किसानकिसान तुहि धरती का रखवाला है

तूने ही संवारा है धरती को 

ओर तुहि सभी का पेट भरने वाला है

ना जाने क्यों ना समझे ये जमाना 

हे किसान तूने ही ईश्वर का रूप सवारा है

भूखे पेट चलाए है हल तूने ओर खून पसीने 

से अन का बनाया हर एक निवाला है

हे किसान किसान तुहि धरती का रखवाला है

कोई नहीं है तेरा तू है अकेला फिर भी तू ना हरा है

कभी ओलो की बोछरो से तो कभी सूखे की मरो से

तू गया हरबार मरा है

गरमी की लेप्टो में ओर सर्दी की रवानी में भी तूने 

धरती मां को संवारा है

भूखा ना रहे कोई धरती मां की गोद में बस इसी आस से तूने हल ओर जुआ चलया है हर मुश्किल हालातों में भी तू खड़ा खेतमे पाया है 

हे किसान किसान तुहि धरती का रखवाला है

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