आज फिर सावन आया है
आज फिर सावन आया है
भीगी भीगी पलकों पर आसा की किरणे लिया है
खेतों में रौनक गलियों में कीचड़ ही कीचड़ छाया है
आज फिर सावन आया है
भीगी भीगी पलकों पर आसा की किरणे लिया है
खेतों में रौनक गलियों में कीचड़ ही कीचड़ छाया है
आज फिर सावन आया है
बच्चो की उछल कूद के संग फूलों को महकाया है
खेतों में हरियाली के संग मन को फूलों की खुशबू की महक लाया है
आज फिर सावन आया है
किसान ने थामे हल ओर जुए ओर बीजों को संवारा है
नीले गगन में आज फिर काले बदल घन घोर घटाओ
का साया है
आज फिर सावन आया है
बारिश की बूंदों के संग ठंडी हवाएं लाया है
कभी मूसलाधार पानी तो कभी फुआरी को बसाया है
आज फिर सावन आया है
सुनाई देने लगी खेतों में पखियो की च चाहटे कॉयेलो ने मधुर सुर गाया है
फूल खिलने लगी कालिया बगो मेंगुनगुनाया ने गुन गुनगुनाया हैं
आज फिर सावन आया है
आज फिर सावन आया है
बच्चो की उछल कूद के संग फूलों को महकाया है
खेतों में हरियाली के संग मन को फूलों की खुशबू की महक लाया है
आज फिर सावन आया है
किसान ने थामे हल ओर जुए ओर बीजों को संवारा है
नीले गगन में आज फिर काले बदल घन घोर घटाओ
का साया है
आज फिर सावन आया है
बारिश की बूंदों के संग ठंडी हवाएं लाया है
कभी मूसलाधार पानी तो कभी फुआरी को बसाया है
आज फिर सावन आया है
सुनाई देने लगी खेतों में पखियो की च चाहटे कॉयेलो ने मधुर सुर गाया है
फूल खिलने लगी कालिया बगो में भंवरो ने गुन गुनगुनाया हैं
आज फिर सावन आया है
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