मोदी जी ने फिर की रोने की एक्टिंग
साहेब जी मत ढोंग रचाओ ना करो एक्टिंग रोने की
तुम्हे नहीं है परवाह कोई बेबसों के मरने की
तुम्हे सताए चिंता साहेब बस घोटाले करने की
अगर जरा भी तुम्हे परवाह होती गरीब मजदूर परिवारों की
ऑक्सीजन ना बिक रही होती दो दो लाख हजारों की
यो लासो के ढेर ना लगते ना सांसे थमती बेबस और लचारों की
मंदिर मूर्त से ध्यान हटाकर अगर जरासा ध्यान किया होता
अस्पताल और चिकित्सा सेवा सुधारों पे,
यों ना लासे बहती दिखती नदी और गंदे नालों में कभी ना बुझते च्राग घरोके जो आज पड़े अंध्यारो में ,
तुम जो परवाह करते होते बेबस और लाचरो की सासन प्रशासन था हाथ तुम्हारे ना सुनती गूंज किलकारों की
साहेब जी मत ढोंग रचाओ ना करो एक्टिंग रोने की
तुम्हे नहीं है परवाह कोई बेबसों के मरने की
सब भारत वासी जान चुके है आदत तुम्हारी जुमलों की
छोड़ो गद्दी चुनलो फिल्मे है तलब लगी हैं साहेब तुमकोओवर एक्टिंग करने की
जारा भी अकल नहीं साहेब तुमको भारत में शासन करने की
देश को डाल कर गहरी खाई में तुम करगये चालाकी यारे प्यारे मित्रों के संग खुद तो बाहर निकलने की
साहेब जी मत ढोंग रचाओ ना करो एक्टिंग रोने की
तुम्हे नहीं है परवाह कोई बेबसों के मरने की
दाना पानी और दवा पे तुमने टैक्स वसूल है फिर क्या ढोंग रचना साहेब क्यों कर रहे एक्टिंग अस्क बहाने की
साहेब जी मत ढोंग रचाओ ना करो एक्टिंग रोने की
तुम्हे नहीं है परवाह कोई बेबसों के मरने की
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