जिसे परवाह थी ऑक्सीजन की कमी में जाति हजारों बेकसूर जानो की उस ट्रक ड्राइवर ने भूख प्यास को भी नजर अंदाज कर दिया
और हिम्मत ना जुटा पाया दो मिनट समय निकाल कर कुछ खाने की
जिन्हे परवाह ना थी किसी के जीने किसी के तड़फ तड़फ कर मरजाने की
जिन्होंने तीन घंटे गवा दिए बेवजह उनको जल्दी थी सर्फ तस्वीर खिंचवाने की
रोने लगा होगा फूट फूट कर वो जांबाज ड्राइवर जो दिन रात चला जिसने परवाह भी ना की खुद के मरजने की
शर्म नहीं आई उन बेसर्मो को जिन्होंने ठानी थी बेकसूर लासो का सौदा कर फोटो खिंचवा कर फेमस होजाने की
क्या सोचा था वाह वाह करेगी ये दुनिया तुमने हिमत जो दिखाई ऑक्सीजन से भरे टैंकर को गुबारो से सजाने की
अरे बेसर्मों जरूरत तो थी तड़फ तड़फ दम तोड रहे मासुमो तक जल्द से जल्द ऑक्सीजन पहुंचाने की
पर तुम्हे क्या तुमने तो ठानी ह समसानो से जलती चिताओ से वोट जुटाने की
अरे दलालों तुम किसी का दर्द क्या समझोगै तुम्हारी तो ख्वाइस ही बस इतनी है अकबारो में फोटो और टीवी पर आने की
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Please do not enter any spm link in comment box