बौद्ध धम्म अपनाना है
गया दौर तलवारों का अब पाखंडी दौर मिटाना है
जाति धर्म के नारों से भारत को मुक्त कराना है
तिलक और चोटी का ना ढोंग चले ऐसा दौर अब लाना है
मिल जुलकर सब रहे देश में आपस में प्यार बढ़ना है
पढ़ो लिखो सब भारत वासी अंधविश्वास मिटाना है
तर्कशीलहो बुद्धि बलशाली आगे बढ़ते जाना है
गया दौर तलवारों का अब पाखंडी दौर मिटाना
गोबर मूत्र खाने वालों को गोबर भगत बतलाना है
झाड़ फूंक टोना टोटका,ना पिंड दान करवाना है
विक्षित दौर विज्ञान का है विज्ञान हमे अपनाना है
ओझा बोझा ढोंगी बाबा सबको दूर भगाना है
बनवाए अस्पताल देश में ना मंदिर मूरत बनवाना है
गया दौर तलवारों का अब पाखंडी दौर मिटाना
जाति धर्म के नारों से भारत को मुक्त कराना है
बौद्ध धम्म है बुद्धि का इसमें ना पूजा पाठ रचाना है
करुणा मैत्री भाई चारा बस यही सिद्धांत अपना है
करो तयारी बंधु नारी बुद्ध की ओर हमे जाना है
दया करुणा के मार्ग पर चलकर बोद्धधम अपनाना है
गया दौर तलवारों का अब पाखंडी दौर मिटाना
जाति धर्म के नारों से भारत को मुक्त कराना है
लेखक:–रामरतन सुड्डा
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