सोमवार, 22 फ़रवरी 2021

Badhe patrol dizal ke dam

 पीट्रोल बढ़ा डिज़ल बढ़ा बढ़ा दाम हर एक निवाले का 

बढ़ती रहेगी महंगाई ये सासन है जुमले बजो का

चमचा यूथ तो चाट के जूते पेटको अपने भरले गा मेहनत कस मजदूर देश का भूख के मारे मरले गा 

नेताओं की सोच के माने क्या देश तरक्की करले गा 

पीट्रोल बढ़ा डिज़ल बढ़ा बढ़ा दाम हर एक निवाले का 

बढ़ती रहेगी महंगाई ये सासन है जुमले बजो का

अच्छे दिनों के सपने देखकर कितने तो स्वर्ग सिधार गए 

कुछ बचे हुए है उनको भी तंज महंगाई के मार रहे 

जुमले बाज कुछ बड़े बॉल बड़ी बेशर्मी से बोल रहे

कुछ अध्यादेश भी मासूम जनता पर जब्रजस्ती से थोप रहे बेशर्मी की हद तो देखो थूक के अपना चाट रहे बड़ी स्टेजो पर ये देखो सिना अपना नाप रहे 

विकाश नाम के बाजे के संग निजीकरण का सोंग बजा

कुछ पढ़े लिखे गए समझ चाल तो उन्हें देश दरोही करार मिला एक के बदले चार हुए फिर विरोध जताने निजीकरण का मेरे देश में इकठा जन सैलाब हुआ सरकारी आदेसो से फिर आंदोलन कारी अन दाता का लाठी डंडे ओर सरियों की बोछारों से सम्मान किया 

पीट्रोल बढ़ा डिज़ल बढ़ा बढ़ा दाम हर एक निवाले का 

बढ़ती रहेगी महंगाई ये सासन है जुमले बजो का

खालिस्तानी देश द्रोही नक्सल वादी नाजने फिर क्या क्या इन जुमले बाजोने किसानों को नाम दिया फिर भी पीछे नहीं हटे तो इस जुमले बाज सरकार ने बिजली पानी काट दिया रोड खोदकर किले रोप कर क्यों अन दाता को बीच चौराहे रोक दिया ओ बेशर्म सरकार क्यों तूने गला लोकतंत्र का घोट दिया रामरतन सुड्डा कसम ह तुझको जो चोरोको तूने वोट दिया मेरे देश के मजदूरों को महंगाई ने मार दिया

पीट्रोल बढ़ा डिज़ल बढ़ा बढ़ा दाम हर एक निवाले का 

बढ़ती रहेगी महंगाई ये सासन है जुमले बजो का



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