रविवार, 7 फ़रवरी 2021

जीवन परिवर्तन

    ""मेरी पहलनई दिशा""


अगर आप जीवन में कुछ करना चाहते है तो खुद को प्रकृति ओर समाज के हर मुश्किल हालातों से जूझ ना सीखना होगा 

ये समाज सोषण ओर आत्याचारियों का भरा पड़ा है यहां हर बेबस ओर लाचार लोगो का सोषण होता रहता है जिस तरह एक मछवारा मछली पकड़ने के लिए मछली को मांस का टुकड़ा दिखाकर उसे अपने जाल में फसा लेता है वो भी बड़ी ही मासूमियत से,उसी तरह आपको भी लुटा जाना संभव है कुछ आंखे दिखाकर लूटेंगे तुमको तो कोई आंखे लड़ा कर तो कोई आपके हमदर्द बनकर लूटेंगे तो कोई सरेआम दुश्मन बनकर

आप को ये जानना ओर समझना जरूरी है इन लुटेरों से कैसे बचा जाए ओर कैसे इनकी पहचान होगी 

मेरा मानना है सरेआम दुश्मन बनकर लूटने वालो से हमदर्द बनकर लूटने वाले ज्यादा घातक होते है शायद सबसे ज्यादा दर्द (पीड़ा)भी हमे तब होती है जब कोई अपना बनकर हमरा सोषण करे(हमसे धोखा करे) फिर चाहे वो सोषण (देहिक हो या आर्थिक )मैने सरेआम दुश्मन बनकर लूटने वाले को कुछ हद तक कम घातक कहा है इसका कारण मैने ये माना है इसमें आपको अपनी शक्ति प्रदर्शन का अवसर मिलता है जिसमें हार ओर जीत एक टॉस वाले सिके के समान होती है जीत आपकी भी सकती है ओर आपके प्रतिद्वंदी की की भी ओर पहले तथ्य में जीत छल कपट ओर आपसे धोखा करने वाले की निश्चित है

अगर आपके दिलो दिमाग़ में अपना लक्ष्य लोहे की रोड के समान है जिसे हथोड़े की चोट से तोड़ा मोड़ा या नया आकर तो दिया जासकता है लेकिन उसके वजूद को ख़तम नहीं किया जसाक्ता तो आपको अपने दैनिक जीवन में कुछ बदलाव जरूर करने चाहिए जिससे आप अपने उन सोषणकरी यो से बच सके उन्हें पहचान सके जो आपके जज्बातों से खेलकर आपका सोषण करने का हुनर रखते है

मेरे ख्याल से आपको सादा जीवन अपनाना चाहिए वो भी ऐसा जिससे लोग आपको कमजोर ओर लाचार समझने लगे 

मैने ऐसा क्यों कहा मेरा जहातक मानना है ऐसा करने से आप उन लोगो से पर्दा आसानी से हटा सकते है जो कल आपके सफल होजाने के बाद आपके हमदर्द बनेंगे ओर आपसे आर्थिक लाभ हासिल करेंगे 

आप जिस निंद्न्य हालात में रहेंगे तो वेलोग जो आपके हमदर्द नहीं है या यों कहें सवार्थ के हितेसी हैं वो लोग आपकी मजाक उड़ाएंगे आपकी बेजती करेंगे आपकी चुगली करेंगे वो भी आपके सामने मगर आपको एक बात ध्यान में रखनी होगी अपनी सफ़लता का ढिंढोरा पीटे बिना सब सुनते रहना होगा जबतक आप सफल नहीं हो जाते, नहीं तो आप अपने ओर पराए को पहचान पाने में असफल रहोगे, आपके हमदर्द आपका कभी मजाक नहीं बनाएंगे आपका सहयोग करेंगे जैसा उनसे होगा ओर आपकी ब्येजती करने वालो का आपके साथ डटकर विरोध भी करेंगे 

इस विषयपर मेरे दो मत है ऐसा नहीं है कि आपका इन मुस्किल हालातों लोगो की बुरी भली सुनने वालों में आपके साथ खड़ा होने वाला आपका सच्चा हीतेसी है 

इस विषयपर आपको ओर गहन चिंतन मंथन की जरूरत है आपको उस इंसान पर चोक्स नज़र रखनी चाहिए होसक्ता है वो इंसान किसी निजी स्वार्थ से भी आपके साथ खड़ा हो ओर अपना स्वार्थ पूरा होने के बाद उसकी वजह से आपको ओर भी शर्मिंदा होना पड़े , इस विषयपर आप को उस इंसान को पूरी बुद्धिमता से आजमाना चाहिए क्या पता उसकी नज़र आपके जिस्म या आपके परिवार की किसी बहिन बेटी के जिस्म पर हो 

आपका सच्चा हितेसि वहीं होगा जो आपकी इज्जत से खेलने की नीयत के बगैर मुश्किल से मुश्किल हालातों में भी आपके साथ खड़ा रहेगा जहां तक मेरा मानना है कुछ लोग जिस्म की चाह या यों कहें अपने हवस कि प्यास बुझाने के लिए आपका हमदर्द बनकर आपको आर्थिक मदद या वैचारिक रूप से आपके दिल में जगह बनाकर आपके जज्बातों से खेलने में कोई संकोच नहीं करते, ओर अपने चाह पूरी होने के बाद वो आप से इतनी नफरत करने लगते है मानो आपसे कोई जाति दुश्मनी हो आपकी सफलता तभी पूर्ण रूप से सफलता होगी जब आप किसी सोषणकारी के सोषण नीति को समझने में कामयाब होजाओ गे 

अगर आप पढ़ाई लिखाई में अपने आप को किसी ओर इंसान से कमजोर समझते है तो में इस बात को नकारता हूं क्योंकि गीमाग कुछ हद तक सभी इंसानों का समान ही होता है हा कुछ इंसानों में तर्क सकती अपने आप विक्सित होजाती है अपितु कुछ इंसानों को अपनी कठिन मेहनत से दिमाग को विकसित करना होता है पर मेरे ख्याल से ऐसा होना असम्भव है कि कोसिसो के बाद भी आपका दिमाग़ सामान्य रूप से ही काम करता रहे हां अगर आप की जिस कार्य में रुचि नहीं है आप उस कार्य को करने के लिए भृष्क प्रयास करते है तो आप उस इंसान के मुकाबले कुछ हद तक कामयाबी के रास्ते पीछे रहोगे जो इंसान अपनी रुचि के अनुसार परिश्रम (मेहनत) करता है अथार्थ जो अपनी रुचि के अनुरूप ही काम करने की ओर अग्रसर होता है

मेरे ख्याल से सभी इंसानों को समान कार्य में सफलता के समान अवसर मिलते हे कुछ इंसानों को ज्यादा अवसर इसलिए मिलते क्योंकि उनकी रुचि ओर मेहनत अनेकों कार्यों में लगी होती है एक विशेष कार्य में रुचि रखने वाले इंसान की अपेक्षा अनेकों कार्यों में समान रुचि ओर कठिन मेहनत करने वाले लोगों को सफलता के ज्यादा अवसर मिलते है इसका कारण ये है एक रोजगार समाप्त होसकता है अनेकों रोजगार एक ही समय में(एकसाथ) समाप्त होने की संभावना, ना ,के बराबर होती है जैसे रेडियो बनाने वाली कंपनी के पास आज रोजगार के कम अवसर है ओर मोबाइल फोन कंप्यूटर लैपटॉप बनाने वाली कंपनी के पास रोजगार के ज्यादा अवसर होंगे, लेकिन रेडियो बनाने वाली कंपनी अगर अपनी तकनीक को ओर नए तरीके से विकसित करने को अग्रसर हो तो वो अपने रोजगार के अवसर बचा सक्ती है, ठीक इसी तरह अनेकों कार्य करने में रुचि रखने वाले के पास सफलता के ज्यादा अवसर होते है अगर आपको लगता है आप जिस दिशा में बढ़ रहे है जिस दिशा में रोजगार के कम अवसर हे तो आपको अपना रास्ता बदल लेना चाहिए लेकिन आपको रास्ता ऐसा चुनना चाहिए जिससे अवसर मिलने की संभावना होने पर पहले वाली मंजिल तक पहुंचने में भी कोई दिक्कत ना हो अर्थात आप जिस कार्य में मेहनत कर चुके है उसे पूर्ण रूप से छोड़ देना मूर्खता होगी आपको उसमें भी कामयाबी के अवसर खोजते रहना चाहिए 

जिस तरह एक सफल किसान अपने खेत में कम अनाज उगने पर भी अपने खेत को नए सिरे से बिजने में कम विश्वास रखता है इसमें किसान का मानना है क्या पता नया उगे यही यानी जो ह उसे खोकर ज्यादा पाने कि उम्मीद रखने में किसान विश्वास नहीं रखता

कुछ इंसानों के साथ प्रकृति ने धोखा जरूर किया है पर सभी इंसानों के साथ नहीं में इस लिस्ट में अनलोगों को सामिल करता हूं जो जन्म जात अंधे गूंगे बहरे या पागल(मंद बुद्धि) के होते हैं या कुछ कारणवश बाद में सरिर से अपने महत्वपूर्ण अंगो को खो देते है 

इनमे भी दर्ड निश्चय वाले लोग किसी के सहारे जीवन जीने की अपेक्षा ना रखते हुए खुद को इस काबिल बना लेते है जिससे वे अपने परिवार ओर खुद की जरूरतों को पूरा कर सके 


ये लेख आपको कैसा लगा हमे कॉमेंट कर जरूर बताए ताकि हम आज को कल से बेहतर बना सके


लेखक - रामरतन सुड्डा




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