तुम जुर्म पे जुर्म किए जाओ हम सारा हिसाब चुकाएंगे
तुम जुर्म पे जुर्म किए जाओ हम सारा हिसाब चुकाए
बहाकर अपने जिस्म का सारा लहू हम इंकलब भी लाएंगे
तुम लिखते जाओ झूठी स्याही से झूठे बोल हम खून से अपने संविधान ही लिखते जाएंगे
तुम बेच ते जाओ हर एक चीज हमारी हम नई दुबारा लाएंगे
बहाकर अपना खून पसीना सहिदों के सपनों का भारत एक दिन हम बनाएंगे
तुम जुर्म पे जुर्म किए जाओ हम सारा हिसाब चुकाएंगे
तुम लिखते जाओ जुर्म स्याही से हम खून से अपने इंसाफ ही लिखते जाएंगे
तुम मिटाते रहो इतिहास हमारा हम नया इतिहास बनाएंगे
तुम लाख धकेलो पीछे हमें हम फिर भी आगे पाएंगे
अपने लहू के कतरे कतरे से इन्कलाब भी लेकर आएंगे
तुम कतल हमारा करवादो हम लेकर जन्म दुबारा आएंगे तुम मरवाओगे हमारी पीठ पे गोली हम सीने में पे गोली खाएंगे भारत देश हमारा है आखिर दम तक हम नारा यही लगाएंगे
तुम जुर्म पे जुर्म किए जाओ हम सारा हिसाब चुकाएंगे
आज तुम्हारा है साहेब कल हम अपना लेकर आयेंगे
जो झूठा मक्कार हो शासन हम वो शासन भी पलट दिखाएंगे
हम भारत के मूल निवासी बस यही बात दोहराएंगे देकर अपना लहू भारत भूमि को हम सविधान ही लिखते जाएंगे
तुम जुर्म पे जुर्म किए जाओ हम सारा हिसाब चुकाएंगे
तुम जातीवाद के नारे के संग में धर्म का ढोंग रचाओगे खतरे में धर्म बताकर के हमें आपस में लड़वाना चाहोगे
तुम जितना हमें चाहोगे तोड़ना हम एक ही होते जाएंगे
तुम जुर्म पे जुर्म किए जाओ हम सारा हिसाब चुकाएंगे
रामरतन सुड्डा जिस्म में जबतक सांसे है हम संविधान बचाते जाएंगे
संविधान हमारी शान है साहेब हम इसकी रक्षा में बलिदान भी होते जाएंगे
हम भारत के मूलनिवासी जन जन को बतलाएंगे
तुम जुर्म पे जुर्म किए जाओ हम सारा हिसाब चुकाएंगे
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