किसी की यादों ने रुला दिया
आज फिर किसी की यादों ने मुझे रुला दिया
ग़म तो बहुत थे इस जिंदगी में लेकिन मैने सारे गमो को भुला दिया
एक तेरे बिछड़ने के गमको ना भुला सका में
ओर उसने मुझे खून के आंसू रुला दिया
में भी किसी से महॉबत करू
सोचा में भी किसी से महोबत करू
पर मेरे दिल ने हर किसी को स्वीकारा नहीं
जिसे स्वीकारा इस दिल ने वो निकला किसी गैर का
फिर इस दिल ने सोचा कुदरत ने ही साएद हमारे लिए कोई दिलबर बनाया ही नहीं
दर्द भारी सायरी
मर चुका था में पर दिल में एक प्यास अभी बाकी थी
जिसे पाने के लिए मैने कर दया था खुद को मौत के हवाले बस
उस दिलबर से मेरी एक मुलाकात अभी बाकी थी
मिलने ना दिया जमाने ने मुझे मेरे जिस्म से वो भी निकल गई जो सांसे उसके इंतजार में अभी बाकी थी
खुदा ना करे किसी को प्यार में धोखा मिले
जिसे देख कर निकल जाए दो दीवानों की जाने
ऐसा कोई तोफा मिले
या मालिक मेरी एक ही दुआ है तुमसे जिसके दिल में हो चुलू भर चाहत उसको चहतो का दरिया मिले
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