रविवार, 13 सितंबर 2020

आपसी झगड़े हो कैसे करें कम



अगर आप के परिवार या पति पत्नी के बीच रहता है चिड़चड़ा पन या होते है आपसी झगड़े तो घबराए नहीं बस करें खुद में कुछ आसान से बदलाव


पारिवारिक झगड़े ,पति पतिनी के बीच हाथापाई आजके इस दौर में आम बात है अक्षर ग्रामीण क्षेत्र में एसी घटनाएं आम बात है आज के इस दौर में सिक्षा की भी कोई कमी नहीं है समाज में ज्यादातर लोग पढे लिखे हैं फिर भी इस की क्या वजह है कि पारिवारिक चिड चिडाहट कम क्यों नहीं होरहि है इसका मुख्य कारण क्या है
अब सवाल ये है हमें क्या करना चाहिए जिससे सामाजिक और पारिवारिक मन मुटाव को कम किया जासके 
दोस्तो आजकी इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने परिवार और समाज को देने केलिए किसी के पास टाइम नहीं है सभी पैसे कमाने की दौड़  में आगे रहना चाहते  हैं इस बीच बच्चों की को प्राथमिक पाठ सला कमजोर पड़ती जारही ह ऐसे में बच्चों को सामाजिक ज्ञान पूरा नहीं मिल पाता सामाजिक ज्ञान के अभाव की वजह से बड़े छोटे का आदर अनादर होने लगा है 
और यही कारण है पारिवारिक मन मुटाव का अगर आप अपने घर पवार और समाज में साॕती स्थापित करना चाहते हैं तो अपने परिवार के साथ ज्यादा टाइम बिताए
अपने गुस्से को काबू में रखे और सामने वाले को कुछ कहे और दूरौं को बी बोलने का मौका दे अगर आपको सामने वाले की बात गलत लगे झूठी लगे तो उसे झगड़े नहीं  एकबार उस बात पर विचार करे होसक्ता है उसकी बात सही हो आपको उसके बारे में पूरी जनकरी ना हो बिना जानकारी के कोई भी विवाद ना करे अगर आप जानकारी के अभाव में वाद विवाद करेंगे तो आप किसीभी बात की सुलझ नहीं कर पाएंगे उल्टा आपको समाज के लोग जिद्दी  स्वभाव का समझ ने लगेंगे 
आप समाज में अपनी अलग पहचान कायेम करना चाहते हैं तो आप बात बात पे बिना जरूरत के बोलने से बचे होस्के तो ज्यादा तर चूप ही रहे आपको बोलने की जरूरत महसूस हो या सामने वाला आपकी राय लेना चाहे तो पूरे ध्यान से पूरी समझ से अपने विचार रखें
किसी भी सामाजिक झगड़े को बात चित से सुलझाने का प्रयास करें बदमाश किसम के लोगों से दूरी बनाकर रखे और बदमाशी करने से बचें और बदमाश लोगों के संपर्क से दूर रहे आपसे कोइ गलती हो जाऐ तो उसे छूपाने के लिए हजारो झूठ बोलने की बजाए अपनी गलति को स्विकारने कि हिम्त जूटाए अपने घर ओर समाज से अपनि गलति को सूधारने की अपिल करे | बड़े बूजरगो के साथ बातचीत करने का होसके उतना ज्यादा समय निकले बड़े बुजरगों की बात काटने की बजाए उनकी बातें ध्यान पूर्वक सुने और अपने नॉलेज को बढ़ाए
अगर आप का जीवन साथी यानी आपकी पत्नी  चीड़ चिड़े सवभव की ह और आप उस वजह से काफी परेशान रहते हैं अपने आपको मानसिक रूप से असवस्थ  सा महसूस करते तो आपको अपनी दिनचर्या में कूछ अहम  बदलाव करे 
ज्यादा तर लोग महिलाओं को सिर्फ सरिरिक सुख भोग की वस्तु समझते है और यही सोच पारिवारिक ग्रह क्लेश को जन्म देती है दोस्तो वो एक दौर था जो बीत गया जब महिलाएं अनपड होती थी और वो आपकी सभी यातनाएं बिना कुछ कहे सहती रहती थी आज के दौर की महिलाएं पढ़ी लिखी है और वोभी सामाजिक विकास में अपना योगदान देना चाहती है कुछ महिलाओं कातो वर्तमान में सामाजिक विकाश में मर्दों से ज्यादा योगदान रहा ह और हकीकत भी यही ह सामाजिक विकास महिलाओं पर ही टिका हुआ ह
ऐसे में महिलाओं को भी अपनी बात रखने और अपनी काबिलियत्ता साबित करने का मौका दें
अगर आप की आदत भी अपनी पत्नी से देह सुख भोगने केबाद मुंह फेर लेने की है तो आपको अपनी आदत में सुधार करना चाहिए अपनी पत्नी के साथ बातचीत करने का टाइम निकाले उससे बातचीत करें हो सके तो अपने लेनदेन और कार्य करने के बारे में विचार विमर्श करते रहे  ऐसा करने से वो अपने आप को हिन महसूस नहीं करेगी और मानसिक उपसे स्वस्थ रहेगी 
अगर आपकी पत्नी मानसिक रूप से स्वस्थ होगी तो वो आपसे पियार से पेश आएगी जिससे आपको गरह सुख मिलेगा और जन धन का लाभ भी मिलेगा 
दोस्तो यह रचना आपको  कैसी लगी कॉमेंट कर हमें जरूर बताएं

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