गुरुवार, 17 सितंबर 2020

क्या भारत की अखंडता से धर्म ज्यादा बलवान होगया


मत लड़ो जाती और धर्म केलिए योही कूचले जाओ गे कभी सवृग तो कभी जिहाद के नाम से

जरा बता ओ जमाने भारत की अखंडता से क्या धर्म ज्यादा बलवान होगया

बहुत खून बहेगा ओ जमाने जब इन्कलाब कहने वालो में भी हिन्दू और मुसलमान होगया  

सुना तो था बिका है देश के नेताओं का ईमान जब देखी आग धर्म की मेरी नजर में बिका सबका ईमान होगया 

मेरे रोते टूटते दिल की ये आवाज़ तो सुन ओ जमाने और बता क्या भाई ही भाई की मौत का मोहताज होगया

जरा बता ओ जमाने भारत की अखंडता से क्या धर्म ज्यादा बलवान होगया 

सुना था ओ जमाने जब यूवा जाग जयेगा वो अनेकता में एकता को और मजबूत बनयेगा

पर ये नहीं पता था तेरा ये आजका यूवा ही जाती धर्म के लिए एकदुजे का दूस्मन हो जायेगा

जरा बता ओ जमाने भारत की अखंडता से क्या धर्म ज्यादा बलवान होगया

कोई पूछो इन धर्म के ठेकेदारों से जब इंसान ही इंसान का बना दिया दुश्मन तुम ने तो क्या ये धर्म कफ़न के रंग बतलाने काम आएगा 

या फिर बनवा देगा चिता या जनाजे की रस्में  बतलाएगा

रामरतन सुड्डा मत लड़ो जाती और धर्म के लिए तुम यू ही लड़ते रहे जाती और धर्म के लिए तभी तो भारत आज बेरोजगार होगया

जाती धर्म के दंगो से ही नेताओं कि कुर्सी का श्रंगार होगया इन्हे क्या लेना हिन्दू मरे या मुसलमान इन नेताओ

केलिए तो जाती धर्म हार ओर जीत का आधार होगया

जरा बता ओ जमाने भारत की अखंडता से क्या धर्म ज्यादा बलवान होगया 


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