शनिवार, 19 सितंबर 2020

सोने की चिड़िया हो भारत

 

सोने की चिड़िया हो भारत भारत में सोना ही सोना

सोने की चिड़िया हो भारत के सपना सब ने देखा हैं
क्या कोई बतलाएगा जाति धर्म  से भी हटकर , हमने कभी भी बाहर झाक कर देखा हैं
सोने की चिड़िया हो भारत के सपना सब ने देखा है
क्या मैने तुमने  कुर्बानी दी बस सपना ही सपना देखा हैं बलिदान हो गए वीर जवान, क्या हमने कभी दील से उन की कुर्बानी का आभास भी करके देखा हैं
किसी की रोई माताएं बहने किसी के रोई हैं आज भी हम सोए  नींद चैन की, पहले भी हमने ने हमने नींद चैन की सोई हैं
मेरे देश के युवाओं मैं तूम हिंदू में मुस्लिम चाहे हो वो सिख इसाई हैं, जातिवादी धर्म के दंगों से हटकर देश के ईन किरदारो ने क्या कभी भी सोच भी और जगाई है
जाति धर्म पर लड़वा दो सबको मेरे देश के नेताओं ने  बस यहाँ तक सोच कमाई हैं
क्या कोई बतलाएगा  देश की खातिर शहीद हुए जवानो में ,क्या  हुआ शहीद एक भी नेता हैं
सोने की चिड़िया हो भारत यह सपना सब ने देखा हैं
तुम कांग्रेसी मूझे बीजेपी  प्यारी है जानता लड़ती रही आपस मे ईसी बिच ही नेताओ ने बस लूट कि बाजि मारी हैं
सोने की चिड़िया हो भारतीय सपना सब ने देखा  हैं
जाति धर्म के से भी हटकर कभी  हमने विचार भी करके देखा है
सोने की चिड़िया हो भारतीय सपना सभी ने देखा है

                       लेखक रामरतन सुड्डा





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