रविवार, 13 सितंबर 2020

सामाजीक वीकास कब ओर कैसे


आप भी रहना चाहते हैं अपने परिवार और समाज के साथ मिलजुल कर रहना ,और करना चाहते हैं समाज का नेत्रत्व तो  ईसे जरुर पढे 

जैसा की आप सभी जानते हैं एक से अधिक व्यक्ति मिलकर परिवार का निर्माण करते है और अनेकों परिवारों के मीलनेसे ही समाज का निर्माण होता है और एक से अधिक यानी अनेकों समाज मिलकर राज्य और  और देश का निर्माण करते हैं और अनेकों देश मिलकर विश्व का निर्माण करते ह तभी जाकर होपता है देश और दुनिया का संपूर्ण  विकाश

ऐसे में सभी इंसानों का आपस में मिलजुलकर रहना जरूरी है अकेले मानव का संपूर्ण विकास होपाना असंभव सा है 
आज के इस दौर में समाज और परिवार आपस में दूरी बनाता जारहा है इस से देश और समाज का सामाजिक, आर्थिक,राजनैतिक,  यहां तक मानसिक विकास पर भी विपरीत परभ्व पड़ता जराहा है
ऐसे में सवाल ये है समाज और परिवार को एक जुट कर विकास की अच्छी रफ्तार कसे दीजाए 

समाज के विखंडन का मुख्य कारण है आर्थिक और सांस्कृतिक असमानता और समाज में फैली कुरीतीयां |ऐसे में समाज में आर्थिक समानता कैसे स्थापित की जा सकती हैं क्योंकि आर्थिक असमानता के चलते ही घर और समाज में सामाजिक दूरी बनती जारही है
अगर हमें घर और समाज में आपसी प्रेम स्थापित कर समाज को एक सूत्र में बांधना हैं तो हमें सबसे पहले समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाना होगा जैसे दान दहेज, झाड़ फूंक ,टोना टोटका, मूर्ति पूजा,श्राद्ध मृत्यु भोज जैसी  कुर्तियों को खत्म कर समाज में आर्थिक समानता साथपित करनी होगी 
अगर आप बहुत ही गरीब ह तो आपको अपने दिमाग से अपनी गरीबी का ख्याल हमेशा हमेशा केलिए निकालना होगा 
क्योंकि गरीबी आपको मानसिक रूप से कमजोर बनाती है जिसके बार बार विचार से आप अपना आर्थिक विकास करपाने में सफल नहीं होसकते
क्योंकि गरीबी के बार बार विचार से आप खुद को कमजोर महसूस करनेलगते है और ऐसे में आप खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं रख पाएंगे ऐसा होने की वजह से आप यातो किसी की गुलामी स्वीकार करेंगे या चमचा बन जाएंगें इस स्थिति में आप शोस्ण के सीकर होस्कते हैं
अगर आप आर्थिक रूपसे समाज के बाकी लोगों से ज्यादा मजबूत ह और आप समाज का नेतृत्व कर समाज को एकजुट करना चाहते है तो आप को पैसे का घमंड नहीं करना चाहिए और समाज का नेतृत्व पैसे के दम पर करने की सोचने की वजाए अपने परबल विचारो से करने के बारेमे  सोचना चाहिए क्योंकि पैसे के बल पर आर्थिक रूप से कमजोर समाज पर किया गया नेतृत्व अस्थाई होगा एसेमे आप ज्यादा समय तक नेतृत्व नहीं करसकते क्योंकि जैसे ही समाज में आर्थिक समानता स्थापित होगी तो समाज आपके नेतृत्व को ठुकरा देगा और आपके खिलाफ बगावत करनी शुरू कर देगा क्योंकि पैसे के बलपर आप समाज का निष्पक्ष नेतृत्व नहीं करपाएंगे पैसे का घमंड आपको वैचारिक रूप से कमजोर बना देगा और आपकी सोच समाज पर जुर्म करने की होसक्ती हैं आप अपनी हजारों गलतियों को नजर अंदाज कर समाज की जरासी गलती को माफ करने की बजाए समाज पर गुसा करोगे  ऐसे में समाज आपसे मन से नफ़रत करने लगाएगा और एक ना एक दिन समाज आपको नेतृत्व कारी समझने  की वजाए सोश्ण करी समझ ने लग जाए गा ऐसे में आप समाज को नेतृत्व विहीन बना सकते हैं 
अगर एसा हौता हैं तो, समाज आने वाले सम्य मे किसी का भी नेत्रत्व स्विकार नही करेगा|ओर एक नेत्रत्व विहीन 
समाज कभी विकास नही करपाता ओर वह समाज आपसी लडाई ,झगडा मार काट के अलावा कूछ नही करपाता 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Please do not enter any spm link in comment box

Love shayeri bewafa shayeri dard bhri shayeri lavitaye kahaniya motivsnal or samajik stori

Kisi ka jhukne n dena sis lachari me

किसी का झुकने न देना सीस लाचारी में बेमानी का सीस उठने न देना खून है तुम्हारी नसों में ईमान का  इसे बेमानो से मिटने न देना  बाहें तुम्हारी भ...