गुरुवार, 25 मार्च 2021

भागसिंह

 में लिखूं कलम से अपनी भगतसिंह और साथ में इन्कलाब लिखूं

दिल करता है आज लिखदु फुज दिल्ली वतन वालो की ओर नेताओं की तानासाही भी सरेआम लिखूं

में लिखूं कलम से अपनी भगतसिंह और साथ में इन्कलाब लिखूं

लिखूं कुर्बानी वीर जवानों की ओर दुःखी भगतसिंह की आवाम लिखूं

लिखदू खून से रंगी नेताओ की कुर्सी और इस कुर्सी को पाने की खातिर करवाए इन नेताओ ने दंगे उन दंगो में बिखरे खून और निर्दोष बिखरी लाखो लाश लिखूं

में लिखूं कलम से अपनी भगतसिंह और साथ में इन्कलाब लिखूं

इस्तेमाल होते गंदी राजनीति में वीर जवान तुम समझो तो सही या फिर पुलवाम नाम लिखूं लिखदू टुकड़े टुकड़ों में पड़ी फोजियो की लासे एक साजिश या फिर आतंकवादी हमलों के नाम लिखूं

में लिखूं कलम से अपनी भगतसिंह और साथ में इन्कलाब लिखूं

लिखूं नेताओ की तानासही ओर लोकतंत्र का अपमान लिखूं 

लिखदू बिकाऊ मीडिया याफिर पतल चाट पत्रकारों के नाम लिखूं

में लिखदू इंसाफ ऐ भगतसिंह या नाएंसाफ सरकार लिखूं

में लिखूं कलम से अपनी भगतसिंह और साथ में इन्कलाब लिखूं।                     

                              



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