क्या अजीब किसा है होली के जलाने का
दूसरे दिन गुलाल पटाखे और रंग पिचकारी चलाने का
बिन पुतले के झाड़ लकड़ी के आग लगाने का
नादान पेड़ को काटकर सुखी लकड़ी के बीच सजाने का
आग लगाकर लकड़ियों के ढेर को पहले मारा किसी पेड़ के बचे को फिर आग की लपटों से बचाने का
क्या अजीब किसा है होली के जलाने का
इकट्ठा कर ढेर लकड़ियों का होलिका नाम बताने का
नादान पेड़ को काट कर प्रहलाद नाम जताने का
गोबर के बनाकर उबले छोटे होली नाम सजाने का
क्या अजीब किसा है होली के जलाने का
पहले पूजा फिर रंग दूजा क्रोध से आग लगाने का बुरे को जलाना जायेज है पर ये रिवाज कैसा पहले पूजन कर फिर आग लगाने का
क्या अजीब किसा है होली के जलाने का
बच्चे तो देखे है अक्षर मात पिता के अनुरूप ही आचरण करते प्रहलाद का तो किस्सा ही अजीब ह नासमझ उम्र में भी ईश्वर के अस्तित्व को लेकर अपने ही पता के सामने बगावत पर उतर आने का
क्या अजीब किसा है होली के जलाने का
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