बुधवार, 31 मार्च 2021

14 अप्रैल बाबा साहेब dr.br.ambedker jyenti

 मनप्रशन खुशहाल चमन चहरे पर लाली आ रही है

मेरे बाबा साहेब की जयंती आ रही है

दलालों के लिए दलाली का अवसर सच्चे भीम सिपाहियो के लिए खुशियां आ रही है 

मनप्रशन खुशहाल चमन चहरे पर लाली आरही है

मेरे बाबा साहेब की जयंती आरही है

बेजान जिस्मो में भी अब तो जान सि आरही है दिल में उमंग लाखों लाख चहरों पर खुशियां छा रही है

मनप्रशन खुशहाल चमन चहरे पर लाली आरही है

मेरे बाबा साहेब की जयंती आरही है

जुमले बाजों के लिए जुमले बाजी का अवसर सियासत वालो के लिए सियासी अवसर ला रही है 

बाबा साहेब की संतानों के लिए आ रहा है ल्योहार समाज के ठेके दरों के लिए कमाई का अवसर लारही है

मनप्रशन खुशहाल चमन चहरे पर लाली आरही है

मेरे बाबा साहेब की जयंती आरही है

वोट बटोरने वाले बटोरेंगे वोट दिखावे के भीम दीवाने बनकर चढ़ा कर फुल मेरे बाबा साहेब के चरणो में और पहनाकर माला बड़ी स्टेजो पर झूठे बहुजन हितेसी लोगो की बाढ़ सी आ रही है

मनप्रशन खुशहाल चमन चहरे पर लाली आरही है

मेरे बाबा साहेब की जयंती आरही है

सच्चे भीम सिपाहियो के लिए खुशियां और सोए समाज को जगाने का अवसर ला रही है

कुछ लिखूं कुछ बोलूं कुछ गुनगुनाऊं मन मस्तिष्क में उमंग सी छारही है

मेरे दाता मेरे विधाता मेरे इश्वर मेरे अल्लाह में हु जिसका गुलाम मेरे बादशाह की जयंती आ रहि है

मनप्रशन खुशहाल चमन चहरे पर लाली आरही है

मेरे बाबा साहेब की जयंती आरही है

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