गुरुवार, 11 मार्च 2021

Shayeri ya

 यादें शायरी

अगर मिट पाती इस दिल से यादें तुम्हारी तो में भी कबका मिटा लेता 

इस दिल ने चाहा है तुम्हे खुद से ज्यादा ये मत सोचो अभी तक अकेला क्यों हूं 

कम्बक्त ये दिल ही नहीं माना वरना तुम्हारी तरह में भी किसी ओर को गले से लगा लेता

 जिस्म की चाह शायरी

उन्हें प्यास थी जिस्म की हमे चाहत ऐ दिल की थी

बातो में तो खूब कहा था उस कम्बक्त ने 

में सिर्फ तुम्हारा हूं

मिटी प्यास जब जिस्म की उन्हें तो कहने लगे जो करना हो करले कल तक तो था तुम्हारा आज मैं किसी ओर का सितारा हूं

प्यार सायरी

बड़ी मासूमियत से कहदेते है दुनिया वाले प्यार करना कोई गुनाह नहीं 

जब गुनाह ही नहीं प्यार करना तो अ दुनिया वालो तुम क्यों करते हो दीवानों को जुदा इन बेगुनाहों को मिलाते क्यों नहीं

दिल टूटने पर शायरी

सुना है जमाने से दिल टूटता है तो आवाज नहीं होती

कभी किसी से परछाई नाराज नहीं होती 

तो फिर क्यों तड़प तड़प कर रोने लगते हैं दो दीवाने जिनकी माहोबत जमाने को रास नहीं होती

शायर 

शायर तो नहीं था में पर किसी की दिलगी ने बना दिया

इतना नाजुक तो नहीं था जिगरा मेरा जो रोने लगे जरा सी चोटों से 

आज रोया हूं में, वो क्या जाने बिन घाव के ही उस जालिम ने मुझे अंदर से कितना चोटिल बना दिया

यादें शायरी

आज फिर किसी कियादों ने रुला दिया वो कहती थी मुझे समंदर तट पर लेचलो घूमने 

अब खत भी कसे भेजू उस बेवफा को ओर कहूं आजा आज तेरी बेवफाई ने मेरे आंसुओ से समंदर बना दिया

दूरी पर शायरी

कैसे जीते होंगे वो लोग जो सालो साल अपनो से दूर रहते है 

आज पता चला है मुझे भी ओ जमाने वो कितने मजबूर होते है

तुम तो कह देते हो मासूमियत से जो रहते हैं बाहर घर से वो एकदीन सफल जरूर होते है

क्या करना उस लाखों की दौलत का जिसके एक एक पाई में अपनो के आंसू ओर तन्हाई का दस्तूर होता ह






कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Please do not enter any spm link in comment box

Love shayeri bewafa shayeri dard bhri shayeri lavitaye kahaniya motivsnal or samajik stori

Kisi ka jhukne n dena sis lachari me

किसी का झुकने न देना सीस लाचारी में बेमानी का सीस उठने न देना खून है तुम्हारी नसों में ईमान का  इसे बेमानो से मिटने न देना  बाहें तुम्हारी भ...