हमारी तारीफ करो बेवजह ये हमारी खवाइस ही नहीं
तुम कहते हो तुम मिटा दोगे हमें, हमें इतनी आसानी से मिटा सको ये तुम्हारी ओकात ही नहीं
हमारा खोफ खाए कोई ये खुआईस तो हमारी कभी थी ही नहीं
कोई हमे खोफ दिखाए और हम दुबक कर बैठ जाए ये हमारे खून में ही नही
सच कहेंगे बेसकख अकेले हो या बड़ी महफिल हो कोई
मरने से कोन डरता है डरकर जीने वाली तो हमारी नस्ल ही नही
तुम्हारी चाहत है तुम बुरा करो और हम देखते रहे तुम जुल्म पे जुल्म करो और हम सहते रहे, जुल्मी ना कहें जुल्मी को और तुम्हारी जाय जय कर करते रहे
हम विरोध करेंगे जुल्म का डटकर और हर जुल्म का हिसाब बियाज समेत लोटाएंगे किसी का कर्ज रखे अपने सर पे ये हमारे खून मे ही नही
तुम्हे मोका हमने दिया विश्वास किया तुमपे, कहते हो खुदको सुरमे
हरबार धोखों पे धोखे किए तुमने, कहते हो सीने पे वार करते हैं हम इतिहास गवाह है हरबार पीठ पे वार पे वार किए हैं तुमने
हम करेंगे सिनेपे वार याद रखना विश्वास दिलाकर पीठ पे वार करना हमारी आदत ही नहीं
तुमने अपना ही थूका चाटा है हरबार तुम्हें बतलाएंगे जरूर एक दिन ,जो थूका चटे अपना हमारी वो नस्ल ही नही
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