शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021

मानसिक गुलाम

 मानसिक स्वतंत्रता ही सच्ची आजादी है 

जिसका मन स्वतंत्र नहीं उसकी निश्चित ही बर्बादी होती है मानसिक गुलाम लोग गुलाम नस्ल को जन्म देते है उनके अंदर तर्क करने और गलत का विरोध करने की क्षमता नष्ट होजाती है और ऐसे लोगो के लिए सही और गलत का फैसला करना पहाड़ को चीरकर रास्ता निकालने जैसा मुस्किल होता है ऐसे लोगो को लाख कोसिसो के बाद भी गुलामी से आजाद नहीं किया जासकता इनके जीवन में आंख होते हुए भी सदेव सत्य की ओर अंधेरा होता है इन्हें सत्य कभी दिखाई नही देता और ये लोग सत्य को जानना भी नही चाहते    

पत्थर को भगवान के रूप में स्वीकार कर धन और समय को बर्बाद कर सुख समृद्धि की कामना करना मानसिक गुलामी का जीता जागता उदाहरण है

मानसिक गुलाम लोग अपने जन्मे बच्चे का नाम भी सवेछा से नहीं रखपाते अपनी संतान का नाम रखने के लिए भी इन्हे दूसरे इंसान की जरूरत होती है इनकी नज़र में बड़े पेट और लंबी चोटी वाले लोगों की सरण में जाने से जीवन सफल होसकता है बुद्धिमान लोग जिन्हें पाखंडी कहते है मानसिक गुलाम उन्हें ही भगवान के अवतार के रूप में स्वीकार करते है और उन्ही की पूजा करते है यहां तक कि अपनी मेहनत के कमाए पैसौ को अपनी स्वेच्छा से खर्चने की बजाए किसी ढोंगी से लाभ हानि जानकर खर्च करते है 

मानसिक गुलाम लोगो की नजर में लंबी चोटी माथे पर तीन लकीर वाला हर आदमी संपूर्ण भ्रमांण्ड का ज्ञाता होता है और वह उसे संवर्ग नर्क में भेजने का हुनर रखता है और उसके आशीर्वाद मात्र से उसे बहुत लाभ हासिल होसक्ता है

जिसका मन गुलाम होता है उसकी देह भी गुलाम होजती है मानसिक गुलाम लोग बिन सलाखों के भी सलाखों में बंद कैदी की तरह जीवन जीते है 

उनकी नज़र में देह को कास्ट देने से ईश्वर खुस होते है और ये लोग महज पत्थर की बनी मूर्त का दर्शन करने के लिए कोसो पैदल चलकर जाते है

जबकि ऐसी असंख्य मूर्तियों के दर्शन अपने आसपास ही किसी शिल्पकार की दुकान पर आसानी से कर सकते है

ये लोग अपने को मानसिक गुलाम कभी स्वीकार नही करते बल्कि खुद को अपने धर्म के प्रति सजग और अपने ईश्वर के सच्चे भगत बताते है 

वोभी ऐसे भगत जो खुद के रहने के लिए भवन निर्माण में भी साथन का चयन खुद नहीं करपाते इन्हे अपने रहने को साथान चुनने के लिए भी किसी ज्योतिषी की जरूरत होती है 

ऐसे लोग मानसिक गुलाम होते है खुदको तर्क सिल बनाओ मानसिक गुलाम नहीं




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