शनिवार, 21 मार्च 2020

बाबा सासेब ङोक्टर अम्बेडकर

हम कभी नही हारे अपने दुसमन से क्यों की हमारे बाबा साहेब ने हमें ताकत ए कलम दी है
हम हार जाते है हर बार अपनों से क्यों की नहि जीतना चाहते हम अपनो से ये कहकर हमने साहेब ए भीम की कसम ली है
हम मानेगे मरते दम तक उन के विचार को ,ओर लिखते रहें गे बाबा साहेब ने संजोए थे वतन ऐ हर उन ख्वाबों को
हम मोहताज थे दो वक्त की रोटी के तूने बहाकर अपना खून पाना हमें मोका दीया बनने को हूक्मरान वतन ए हिन्दूस्तान के
बने नही हूक्मरान बहूजन क्यो की कोम ऐ बहूजन मे गद्दारी है टूट सा रहा है तुमने देखा वो हर सपना साहेब ,साएद एहसान फरामोस कोम ये हमारी है
दिल करता है मै कलम उठाउ ओर लिखता रहूँ बाबा साहेब तेरे अरमानो को मेरे लिखने की वज है भी यही है साहेब सायद कूछ समझ आ जाए पत्थर पूजने वालो को
हम ना उलझे कभी पाखण्ड मे बस दिल मे तूम्हारा नाम रहे किसकी क्या मजाल है हमें छू भी ले हमारी मर्जी के बिना बस हाथो में तुम्हारा संविधान रहे
कोई पढे गिता कोई पढे चाहे कुरान को तेरी नजर मे सबकी वैल्यू है, एक समान जो
हमारी चाहे लूटजाए दुनीया हंसती बसती पर ना लूटने देंगे तेरे लिखे हूए संविधान को
छेड़े कोइ संविधान अगर हम लोखो पहरे दार खङे सैनिक तेरे भीम राव जी ज्यान देण नै त्यार  खङे
रामरत्तन सूडा लिखे कविताइ हर वो तूने त्याग किया भारत का हर बचा बचा साहेब पहचान तेरे बलिदान गया
जगह जगह तेरे लगे जय कारें भगवान असल को जान गया भारत के तूम भाग्य-विधाता हर मानव अब मानगया


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