नमस्कार दोस्तो कैसे हैं आप सब ,दोस्तो मै आप का दोस्त रामरत्तन सूडा आप पढ रहे हैं sawtanter aawaj. Com दोस्तो ओर अधिक कविताएँ स्टोरी पाने केलिए पेज को फोलो सेयर व कोमेट करे धन्यवाद
कोन कह ता है साहेब देस भूखा मर रहा है
किसान देस का फांसी खा रहा हे यूवा पूलिस की लाठी खारहा है
सैनिक देस का सिने पे गोलि खा रहा है
कोन कह ता है साहेब देस भूखा मर रहा है
नेता माल खा रहा है मजदूर दवा खा रहा है विश्वासी धोखा खा रहा है बैक घोटाले खा रहा है कर्मचारी रिस्वत खा रहा है
कोन कह ता है साहेब देस भूखा मर रहा है
गरिब ओर गरीबी होता जारहा है आमिर विदेस भागरहा है
लड़कियो की इज्जत लूटी जा रही नेता भाव खा रहे है
कोन कह ता है साहेब देस भूखा मर रहा है
बीमारियां बढती जा रही है सरकारें दिलासा दे रही है
होस्पिटलो मे दवाइयां मिल नहि रही है ङोक्टर कमसिन खा रहे है
कोन कह ता है साहेब देस भूखा मर रहा है
सरकारें नईं नईं योजनाएं लागू कर रही है लाभ कीसिको मिल नही रहा, नेता वादों की लोलीपोप बाट रहे है जन्ता मजेसे खा रही है
कोन कह ता है साहेब देस भूखा मर रहा है
जुमले बाज जुमले बाजी बखूबी कर रहे है पब्लिक आराम से देख रही है सरकारें दो रूपए किलो गेहूं बाँट रही है उसे डीलर खा रहा है
आम आदमी के अधिकार लूटें जा रहे है नागरी क धोखा खा रहे है
कोन कह ता है साहेब देस भूखा मर रहा है
घरों पे छत नही हजारों करोड़ों की मूर्तियां बनवाई जा रही है अर्थ व्यवस्था टूटी पङी है NRC लाईं जा रही है रोजगार है नही ङिटेन्सन सेन्टर बनवाए जा रहे है मजदूर को हक नही अधिकारी खाए जा रहे है कोन कह ता है साहेब देस भूखा मर रहा है
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